Most Repeat Rajasthan Geography GK. SET NO 4
SET NO 4 राजस्थान भूगोल के 500 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Rajasthan Geography 500 Important Question and Answer आप कुछ नहीं करे बस इन्हें रट तो भी आपका सलेक्शन हो सकता हे। हम यहां आप को उन प्रश्नो का सेट प्रदान कर रहे हे जो बहुत सी बार राजस्थान की और अन्य प्रतियोगी परीक्षा वो में पूछे जा चुके हे। अतः आप इन्हे रट ले।
SET NO 4
| 301 | सिरोही में टेढ़ी-मेढ़ी पहाड़ियाँ क्या कहलाती है ? | भाखर |
| 302 | देशहरो | उदयपुर में रागा व जरगा पहाड़ी के बीच का क्षेत्र हमेशा हरा-भरा रहने के कारण देशहरो कहलाता है। |
| 303 | गिरवा | उदयपुर के पास तश्तरीनुमा पहाड़ी को |
| 304 | भभूल्या | छोटे वायु चक्रवात |
| 305 | पुरवाईयाँ | बंगाल की खाड़ी से आने वाली मानसूनी पवने |
| 306 | घाटी में बसा नगर | अजमेर |
| 307 | फाउण्टेन व माउण्टेन सिटी | उदयपुर |
| 308 | उदयपुर जिले में जयसमंद से आगे पूर्व दिशा में कटा फटा पठार | लसाड़िया का पठार |
| 309 | अक्षांश व देशांतर रेखाओं के हिसाब से राजस्थान की स्थिति | 23°3’ से 30°12’ उत्तरी अक्षांश तथा 69°30’ से 78°17’ पूर्वी देशांतर के बीच |
| 310 | सेला बासमती चावल | बूंदी |
| 311 | कनकसागर पक्षी आखेट निषिद्ध क्षेत्र | बूंदी |
| 312 | आम-पापड़ कहाँ पर प्रसिद्ध | बाँसवाड़ा |
| 313 | अतिआर्द्र जलवायु प्रदेश में दो जिले | झालावाड़, बाँसवाड़ा |
| 314 | चिकु उत्पादन में प्रथम | सिरोही |
| 315 | मैगनीज उत्पादन में प्रथम | बाँसवाड़ा |
| 316 | माल्टा उत्पादन में प्रथम | गंगानगर |
| 317 | केले उत्पादन में प्रथम | बाँसवाड़ा |
| 318 | खेल के सामानों के लिए प्रसिद्ध जिला | हनुमानगढ़ |
| 319 | सर्वाधिक नाप-तौल के यंत्र | कोटा |
| 320 | मेवात प्रदेश | अलवर |
| 321 | गेबसागर झील | डूंगरपुर |
| 322 | गुरु द्रोणाचार्य का निवास | द्रोणपुर, छापर (चूरू) |
| 323 | मानसी-वाकल नदी किस अभ्यारण्य में | फुलवारी की नाल, उदयपुर |
| 324 | गोड़ावण के कृत्रिम प्रजनन हेतु जन्तुआलय | जोधपुर जन्तुआलय |
| 325 | सबसे प्राचीन जन्तुआलय | जयपुर जन्तुआलय (1876 ई.) सवाई रामसिंह द्वारा |
| 326 | सबसे नवीन जन्तुआलय | कोटा जन्तुआलय (1954 ई.) |
| 327 | जीरा मण्डी | जोधपुर |
| 328 | प्याज मण्डी | अलवर |
| 329 | आँवला मण्डी | चौमु (जयपुर) |
| 330 | फूल मण्डी | पुष्कर (अजमेर) |
| 331 | सब्जी मण्डी | सांगानेर (जयपुर) |
| 332 | मेहन्दी मण्डी | सोजत (पाली) |
| 333 | लहसुन मण्डी | छीपा बड़ौद (बारां) |
| 334 | ईसबगोल मण्डी | भीनमाल (जालौर) |
| 335 | राजस्थान में वृक्षों हेतु पहला बलिदान | 1604 ई. रामासनी गाँव (जोधपुर) में करमां व गौरा का बलिदान |
| 336 | काष्ठ कला के लिए प्रसिद्ध गाँव ‘बस्सी’ कहाँ है ? | चित्तोडगढ़ |
| 337 | जंगली मुर्गो के लिए प्रसिद्ध अभ्यारण्य | माउन्ट आबू अभ्यारण्य (सिरोही) |
| 338 | नवीनतम पशुगणना | 19 वीं पशुगणना (2012) |
| 339 | एशिया की सबसे बड़ी पक्षी प्रजनन स्थली | केवलादेव घना पक्षी विहार (भरतपुर) |
| 340 | किस अभ्यारण्य में ग्रेनईट, क्वार्ट्जाइट तथा सेंड स्टोन आदि चट्टानों की भरमार है ? | भैंसरोड़गढ़ (चित्तोडगढ़) |
| 341 | डॉल्फिन व घड़ियालों के संरक्षण के लिए प्रसिद्ध अभ्यारण्य | चम्बल अभ्यारण्य (उत्तरप्रदेश, राजस्थान, मध्यप्रदेश) |
| 342 | गोड़ावण की शरण स्थली | राष्ट्रिय मरू उद्यान (जैसलमेर-बाड़मेर) |
| 343 | किस अभ्यारण्य से ओरई तथा ब्राह्मणी नदियों का उद्गम स्थान | बस्सी अभ्यारण्य (चित्तोडगढ़) |
| 344 | राष्ट्रिय मरू वानस्पतिक उद्यान | माचिया सफारी पार्क (जोधपुरी) |
| 345 | वह पादप जो विश्व में एक मात्र आबू अभ्यारण्य में ही पाया जाता है। | डिकल्पिटेरा आबू एन्सिस |
| 346 | एंटीलोप प्रजाति के दुर्लभतम जीव चौसिंगा | सीतामाता वन्यजीव अभ्यारण्य (प्रतापगढ़) |
| 347 | पीली किताब | 1947 ई. में अलवर के अंतिम राजा तेजसिंह द्वारा बनाई गई फारेस्ट सेटलमेण्ट रिपोर्ट |
| 348 | सर्वाधिक जैव विविधता वाला अभ्यारण्य | द मुकुंदरा हिल्स (दर्रा अभ्यारण्य), कोटा |
| 349 | कांकणबाड़ी किला | सरिस्का (अलवर) |
| 350 | हिम पक्षियों का शीत-बसेरा | केवलादेव घना पक्षी विहार (भरतपुर) |
| 351 | टाइगर मेन ऑफ़ इण्डिया | डॉ. कैलाश सांखला |
| 352 | 42 वें संविधान संसोधन द्वारा वन्य जीव विषय को किस सूची में रखा गया है ? | समवर्ती (जयपुर) |
| 353 | प्रथम जैविक उद्यान | नाहरगढ़ (जयपुर) |
| 354 | प्रथम जैव उर्वरक का कारखाना | भरतपुर |
| 355 | इण्डिया इको डवलपमेंट परियोजना | रणथम्भौर राष्ट्रिय उद्यान में वन्य जीवों के संरक्षण हेतु विश्व बैंक के सहयोग से चलाई गयी योजना |
| 356 | झालावाड़ के पशु मेले | गोमती सागर पशु मेला (वैशाख पूर्णिमा), चंद्रभागा पशु मेला (कार्तिक पूर्णिमा) ये दोनों मेले एक ही स्थान पर चंद्रभागा मंदिर के पास विशाल मैदान पर आयोजित होते है। |
| 357 | नागौर के पशु मेले | वीर तेजाजी पशु मेला (परबतसर, नागौर) बलदेव पशु मेला (मेड़ता सिटी नागौर), रामदेव पशु मेला (नागौर) |
| 358 | आय की दृष्टि से सबसे बड़ा पशु मेला | वीर तेजाजी पशु मेला (परबतसर, नागौर) |
| 359 | भरतपुर में पशु मेला | जसवंत पशु मेला |
| 360 | अलवर में पशु मेला | बहरोड़ पशु मेला |
| 361 | बाड़मेर में पशु मेला | मल्लीनाथ पशु मेला (तिलवाड़ा, बाड़मेर) |
| 362 | माही सुगंधा चावल | बाँसवाड़ा |
| 363 | त्रिवेणी संगम | चम्बल, बनास व सीप नदियों का संगम |
| 364 | अन्तर्राज्यीय सीमा पर स्थित जिले | 23 जिले |
| 365 | राजपुताना शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग | 1800 ई. में जोर्ज थोमसन ने |
| 366 | राजस्थान शब्द का सर्वप्रथम प्रयोग | 1829 ई. में कर्नल जैम्स टॉड ने अपने इतिहास ग्रन्थ ‘एनल्स एंड एण्टीक्वीटीज ऑफ़ राजस्थान’ में किया। |
| 367 | राजस्थान शब्द कब अंगीकृत किया गया | 26 जनवरी 1950 |
| 368 | सर्वाधिक कुल साक्षरता वाला जिला | कोटा |
| 369 | सर्वाधिक पुरुष साक्षरता वाला जिला | झुंझुनू |
| 370 | सर्वाधिक महिला साक्षरता वाला जिला | कोटा |
| 371 | जयपुर के कुल पड़ोसी जिले | 6, टोंक, अजमेर, नागौर, सीकर, अलवर व दौसा |
| 372 | चाँद बावड़ी | दौसा |
| 373 | रामेश्वर घाट | सवाई माधोपुर |
| 374 | बिगोद (भीलवाड़ा) का त्रिवेणी संगम | बनास, बेड़च व मेनाल नदियों का संगम |
| 375 | बेणेश्वर (डूंगरपुर) में किन नदियों का संगम | सोम, माही, जाखम |
| 376 | राजमहल (टोंक) में त्रिवेणी संगम | बनास, डाई व खारी |
| 377 | बासड़ी-बोरोदा क्षेत्र | दौसा, सोना-चाँदी के भण्डार मिले |
| 378 | राजस्थान का पहला निजी नर्सिंग कॉलेज | पिलानी (झुंझुनू) |
| 379 | घग्घर नदी का प्राचीन नाम व पाकिस्तान में नाम | प्राचीन नाम - दृषद्वती/सरस्वती नदी व पाकिस्तान में हकरा |
| 380 | नागौरी गहना | हथकड़ी को |
| 381 | काठ का रैन बसेरा | झालरापाटन |
| 382 | बर्ड राइडर रॉक पेंटिंग | गरड़दा (बूंदी) से मिली |
| 383 | राजस्थान निर्माण के समय सबसे छोटा जिला | डूंगरपुर |
| 384 | रुख भायला कार्यक्रम का शुभारम्भ | 1986 में डूंगरपुर में राजीव गाँधी ने |
| 385 | खादर | चम्बल बेसिन में गहरी खड्ड युक्त बीहड़ भूमि को |
| 386 | अरावली पर्वतमाला के कौन से भाग में सर्वाधिक अन्तराल विद्यमान है | मध्यवर्ती अरावली में |
| 387 | लोहे के औजारों के लिए प्रसिद्ध जिला | नागौर |
| 388 | सौ टापुओं का शहर | बाँसवाड़ा |
| 389 | बावड़ियों की नगरी | बूंदी |
| 390 | भारत की बेर की राजधानी | जोधपुर |
| 391 | राजस्थान का वेल्लोर | भैंसरोड़गढ़ (चित्तोडगढ़) |
| 392 | ‘रेगिस्तान का मार्च’ | रेगिस्तान का पूर्व दिशा की ओर आगे बढ़ना |
| 393 | सर्वाधिक वोलस्टोनाईट खनिज | सिरोही |
| 394 | ताम्रयुगीन सभ्यताओं की जननी | गणेश्वर (सीकर) |
| 395 | तीर्थों का मामा | पुष्कर |
| 396 | तीर्थों का भांजा | मचकुण्ड (धौलपुर) |
| 397 | लघु मरुस्थल | बीकानेर के उत्तर में महान मरुभूमि से चट्टानी प्रदेश के पूर्व में कच्छ की खाड़ी तक विस्तृत बालूका प्रदेश |
| 398 | किस दर्रे से होकर ब्यावर-फालना-काण्डला राष्ट्रिय राजमार्ग नं. 14 गुजरता है | बर दर्रा (पाली) से |
| 399 | प्रथम इकोफ्रेन्डली जोन | माउन्ट आबू (सिरोही) |
| 400 | आन्तरिक जल प्रवाह क्षेत्र | शेखावाटी क्षेत्र |