Most Repeat Rajasthan Art and Culture GK. SET NO 2
राजस्थान कला एवं संस्कृति के 500 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Rajasthan Art and Culture 500 Important Question and Answer आप कुछ नहीं करे बस इन्हें रट तो भी आपका सलेक्शन हो सकता हे। हम यहां आप को उन प्रश्नो का सेट प्रदान कर रहे हे जो बहुत सी बार राजस्थान की और अन्य प्रतियोगी परीक्षा वो में पूछे जा चुके हे। अतः आप इन्हे रट ले।
SET NO 2
101 | ‘अन्य सब दुर्ग नंगे ...’ | रणथम्भौर दुर्ग (सवाई माधोपुर) के सात पहाड़ियों से घिरे होने के कारण अबुल फजल ने कहा “अन्य सब दुर्ग नंगे है, यह बख्तर बंद है।“ |
102 | भवाई नृत्य के जन्मदाता | बाघा जी |
103 | प्रसिद्ध बहरूपिया कलाकार | जानकीलाल भांड (भीलवाड़ा), धनरूप भांड (जोधपुर) |
104 | पाटा संस्कृति | बीकानेर की देन |
105 | रस्मतें | रस्मतें मूल रूप से जैसलमेर की देन है। बीकानेर में भी प्रचलित। होली के समय रस्मत खेलने वालों को खेलार कहा जाता है। |
106 | तमाशा | जयपुर के बंशीधर भट्ट प्रवर्तक, मूलतः मध्यप्रदेश की कला |
107 | चारबैंत लोकगायन शैली | टोंक |
108 | कुचामणी ख्याल के प्रवर्तक | लच्छीराम |
109 | शेखावटी ख्याल के प्रवर्तक | नानूलाल गंधर्व |
110 | हेला ख्याल कहाँ | सवाई माधोपुर |
111 | कन्हैया ख्याल | भरतपुर |
112 | गुणी जन खाना | जयपुर के सवाई प्रतापसिंह के समय संगीत के 22 कलाकारों को गंधर्व बाईसी/गुणीजन खाना कहते थे। |
113 | गवरी नृत्य के अन्य नाम | राई नृत्य, राई पुरिया नृत्य |
114 | धनरूप भांड | मारवाड़ के राजा मानसिंह ने इसे जागीर प्रदान की। |
115 | टेरीकोटा | टेरीकोटा की मूर्तियाँ के लिए प्रसिद्ध स्थान मोलेला गाँव (राजसमन्द) है। मोहनलाल इसके प्रसिद्ध कलाकार है। |
116 | अजरख प्रिंटिंग | बाड़मेर |
117 | बगरू | बेल बूंटों की ठप्पा प्रिंटिंग के लिए प्रसिद्ध बगरू गाँव जयपुर में है। |
118 | सांगानेरी छीपे | नामदेवी छीपे कहलाते है |
119 | ब्ल्यू पॉटरी | जयपुर, कृपाल सिंह शेखावत व अनिल दोराया इसके प्रसिद्ध कलाकार है। यह कला मूलतः पर्शिया (ईरान) की देन है |
120 | ब्लैक पॉटरी | कोटा |
121 | कागजी | अलवर, पतले बर्तन बनाने की कला को |
122 | जस्मा ओडन | भवाई नृत्य पर आधारित शांता गाँधी का नाटक |
123 | राजस्थानी का उद्भव किस अपभ्रंश से | शौरसेनी अपभ्रंश से |
124 | देलवाड़ा के जैन मंदिर | माउन्ट आबू (सिरोही) |
125 | तीर्थों का मामा | पुष्कर (अजमेर) |
126 | तीर्थों का भांजा | मंचकुण्ड (धौलपुर) |
127 | बीकानेर में RTDC का होटल | ढोला-मारू |
128 | अजमेर में RTDC का होटल | खादिम, खिदमत |
129 | जयपुर में RTDC का होटल | गणगौर, स्वागतम, तीज |
130 | जोधपूर में RTDC का होटल | घूमर |
131 | सरिस्का (अलवर) में RTDC का होटल | टाइगर डेन |
132 | नाथद्वारा (राजसमन्द) में RTDC का होटल | गोकुल |
133 | जैसलमेर में RTDC का होटल | मूमल |
134 | पुष्कर में RTDC का होटल | सरोवर, पर्यटक ग्राम |
135 | रणकपुर (पाली) में RTDC का होटल | शिल्पी |
136 | रामगढ़ (जयपुर) में RTDC का होटल | झील ग्राम |
137 | उदयपुर में RTDC का होटल | कजरी |
138 | ऋषदेव (उदयपुर) में RTDC का होटल | गवरी |
139 | सिलीसेढ़ (अलवर) में RTDC का होटल | लेक पैलेस |
140 | भरतपुर में RTDC का होटल | सारस |
141 | माउन्ट आबू में RTDC का होटल | शिखर, पुरजन निवास |
142 | हल्दीघाटी (राजसमन्द) में RTDC का होटल | चेतक |
143 | चित्तोडगढ़ में RTDC का होटल | पन्ना |
144 | सवाई माधोपुर में RTDC का होटल | विनायक |
145 | फतेहपुर (सीकर) में RTDC का होटल | हवेली |
146 | पाली में RTDC का होटल | पणिहारी |
147 | झालावाड़ में RTDC का होटल | चन्द्रावती |
148 | बाड़मेर में RTDC का होटल | खड़ताल |
149 | नागौर में RTDC का होटल | कुरजां |
150 | चूरू में RTDC का होटल | चिरमी |
151 | प्रथम हेरिटेज होटल | अजित भवन (जोधपुर) |
152 | हॉर्स सफारी | पुष्कर (अजमेर), कार्तिक पूर्णिमा |
153 | ऊँट महोत्सव | बीकानेर, पौष पूर्णिमा |
154 | थार महोत्सव | बाड़मेर, मार्च |
155 | मरू महोत्सव | जैसलमेर, माघ पूर्णिमा |
156 | हाथी महोत्सव | जयपुर, फाल्गुन पूर्णिमा (होली) |
157 | गणगौर महोत्सव | जयपुर, उदयपुर, चैत्र शुक्ल तृतीया |
158 | मारवाड़ महोत्सव | |
159 | ग्रीष्म महोत्सव | माउन्ट आबू में 1 से 3 जून |
160 | बादशाह मेला | ब्यावर, धुलण्डी के दो दिन बाद |
161 | बादशाह की सवारी | कोटा, होली पर |
162 | गणेश चतुर्थी | भाद्रपद शुक्ल 4 |
163 | हरियाली अमावस्या | श्रावण अमावस्या |
164 | बच्छबारस | भाद्रपद कृष्णा 12 |
165 | जन्माष्टमी | भाद्रपद कृष्ण 8 |
166 | गुरु पूर्णिमा | आषाढ़ पूर्णिमा |
167 | शरद पूर्णिमा | आश्विन पूर्णिमा |
168 | अक्षय तृतीय | वैशाख शुक्ल 3 |
169 | हाड़ोती का सबसे बड़ा मेला | सिताबाड़ी मेला (बारां), सहरियों का कुंभ, ज्येष्ठ अमावस्या को |
170 | सिक्खों का सबसे बड़ा मेला | साहवा का मेला (चूरू) नोट : राजस्थान का सबसे बड़ा गुरुद्वारा बुड्ढा जोहड़ (श्रीगंगानगर) |
171 | देव शयनी एकादशी | आषाढ़ शुक्ल 11 |
172 | देव उठनी एकादशी | कार्तिक शुक्ल 11 |
173 | बुद्ध पूर्णिमा | वैशाख पूर्णिमा |
174 | अनन्त चतुर्दशी | भाद्रपद शुक्ला 14 |
175 | ब्राह्मणी माता का मंदिर | बारां, पीठ की पूजा |
176 | जीणमाता का मंदिर | रेवासा धाम (सीकर) प्रतिदिन ढाई प्याले शराब पिलाने का रिवाज |
177 | मारवाड़ी व्याकरण के रचयिता | रामकरण आसोपा |
178 | “टाबराँ री बाताँ” के रचयिता | लक्ष्मी कुमारी चुण्डावत |
179 | “रूठी रानी” के रचयिता | केसरीसिंह बारहठ |
180 | राजस्थानी शब्दकोष | सीताराम लालस |
181 | कान्हडदे प्रबंध | कवि पद्मनाथ |
182 | गंगा लहरी के रचयिता | पृथ्वीराज राठौड़ |
183 | सती रासौ के रचयिता | सूर्यमल्ल मिश्रण |
184 | खुमाण रासौ के रचयिता | दलपति विजय |
185 | विजयपाल रासौ के रचयिता | नल्लसिंह |
186 | हमीर रासौ के रचयिता | शारंगधर (जोधराज) |
187 | वीर विनोद के रचयिता | श्यामलदास |
188 | वैराग्य सागर के रचयिता | नागरीदास |
189 | हम्मीर महाकाव्य के रचयिता | नयचन्द्र सुरि |
190 | “सेनाणी”, “चंवरी” के रचयिता | मेघराज मुकुल |
191 | “कनक सुन्दर” के रचयिता | शिवचंद भरतिया |
192 | “हूँ गोरी किण पीव री” के रचयिता | यादवेन्द्र शर्मा ‘चन्द्र’ |
193 | “ढोला मारू रा दूहा” के रचयिता | कवि कल्लोल |
194 | “बातां री फुलवारी” के रचयिता | विजयदान देथा |
195 | “राजिया रा सोरठा” के रचयिता | कृपाराम |
196 | “मैकती काया मुलकती धरती” के रचयिता | अन्नाराम सुदामा |
197 | “पगफैरों” “सुधि सपनों के तीर” के रचयिता | मणि मधुकर |
198 | “एक बीनणी दो बींद” के रचयिता | श्री लाल नथमल जोशी |
199 | “प्रबंध चिंतामणि” के रचयिता | मेरुतुंग (भौज परमार के राजकवि) |
200 | “सुर्जन चरित्र” के रचयिता |
कवि चंद्रशेखर |