Most Repeat Rajasthan History GK SET NO 3
SET NO 3 राजस्थान इतिहास के 500 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Rajasthan History 500 Important Question and Answer आप कुछ नहीं करे बस इन्हें रट तो भी आपका सलेक्शन हो सकता हे। हम यहां आप को उन प्रश्नो का सेट प्रदान कर रहे हे जो बहुत सी बार राजस्थान की और अन्य प्रतियोगी परीक्षा वो में पूछे जा चुके हे। अतः आप इन्हे रट ले।
SET NO 3
201 | ‘पाथल व पीथल’ कविता के रचनाकार | चूरू के कन्हैयालाल सेठिया |
202 | हाड़ी रानी कहाँ की थी | सलुम्बर (उदयपुर) के चुण्डावत सरदार की पत्नी |
203 | चारुमती | किशनगढ़ (अजमेर) की राजकुमारी थी जिसका विवाह औरंगजेब के साथ तय हो रखा था तथा राजसमन्द के राजा राजसिंह ने अपहरण कर विवाह किया |
204 | पृथ्वीराज चौहान तृतीय के माता व पिता का नाम | माता-कर्पूरी देवी / कमला देवी, पिता सोमेश्वर चौहान |
205 | राठौड़ शब्द की उत्पत्ति किस शब्द से हुई है | राष्ट्र कूट |
206 | रावसीहा किसका पड्पौत्र था ? | कन्नौज के जयचंद गहड़वाल का |
207 | ‘पृथ्वीराज रासो’ को पूरा करने वाला | चंदवरदाई का पुत्र जल्हण |
208 | ‘वंश भास्कर’ को पुरा करने वाला | सूर्यमल्ल मिश्रण का पुत्र मुरारीदान |
209 | कवि बान्धव | अजमेर के बीसलदेव (विग्रहराज चतुर्थ) की उपाधि |
210 | ‘ललित विग्रहराज’ ग्रन्थ के रचयिता | सोमदेव |
211 | हमीर देव चौहान की पत्नी का नाम | रंगदेवी |
212 | मड़ोर को मारवाड़ की राजधानी किस राठौड़ राजा ने बनाया | राव चूंड़ा राठौड़ |
213 | राणा लाखा की वृद्धावस्था में विवाह | जोधपुर की राजकुमारी हंसाबाई (राव चूंड़ा की पुत्री) के साथ |
214 | हशमत वाला शासक | फारखी इतिहासकारों ने जोधपुर के राजा मालदेव को कहा |
215 | 1570 का अकबर दरबार | नागौर में लगा |
216 | मारवाड़ का भूला बिसरा नायक | राव चंद्रसेन |
217 | मारवाड़ का प्रताप | राव चंद्रसेन |
218 | अबुल फजल कहाँ का था | नागौर का |
219 | अकबर के नवरत्न में शामिल राजस्थानी | भगवंत दास (जयपुर), मानसिंह (जयपुर), अबुल फजल (नागौर) |
220 | इन्द्रकुंवरी | जोधपुर के राजा अजीतसिंह की पुत्री, जिसका विवाह मुग़ल बादशाह फर्रुखशियर से हुआ। |
221 | दुर्गादास राठौड़ की छतरी | उज्जैन में (मध्यप्रदेश) |
222 | महाराणा प्रताप की छतरी | चावण्ड के पास बाण्डोली गाँव में 8 खम्भों की छतरी (उदयपुर) |
223 | जोधपुर के राजाओं की छतरियाँ | मण्डोर की छतरी |
224 | जयपुर के राजाओं की छतरियाँ | गैटोर की छतरियाँ (नाहरगढ़, जयपुर) |
225 | कोटा के राजाओं की छतरियाँ | क्षारबाग की छतरियाँ |
226 | बूंदी के राजाओं की छतरियाँ | केसरबाग की छतरियाँ |
227 | उदयपुर के राजाओं की छतरियाँ | महासतियाँ, आहड़ के पास गंगों गाँव (उदयपुर) |
228 | जैसलमेर के राजाओं की छतरियाँ | बड़ा बाग़ की छतरियाँ |
229 | बीकानेर के राजाओं की छतरियाँ | देवकुण्ड की छतरियाँ |
230 | जहाँगीर (सलीम) की माँ | आमेर की हरका बाई |
231 | शाहजहाँ (खुर्रम) की माँ | जोधपुर की जगतगुंसाई |
232 | खुसरों की माँ | जयपुर की मनभावनी/सुल्तान निस्सा |
233 | उदयसिंह किसकी सहायता से चित्तोड़ का राजा बना | जोधपुर के राजा मालदेव की सहायता से |
234 | रणमल की हत्या कहाँ हुई | चित्तोडगढ़ में राणा कुम्भा के कहने पर |
235 | शाहजहाँ के साले सलावत खां की हत्या | नागौर के अमरसिंह राठौड़ ने की |
236 | पहौबा का युद्ध | 1541 ई. में जोधपुर के राजा मालदेव ने बीकानेर के राजा राव जैतसी को हराया। |
237 | ‘राव जैतसी रो छन्द’ के रचयिता | बिठू सूजा |
238 | कच्छवाह वंश की राजधानी आमेर को किसने बनाया | कोकिल देव ने, 1207 ई. में आमेर के मीणाओं को हराकर |
239 | मानसिंह की ‘फर्जन्द’ की उपाधि किसने दी | अकबर ने, फर्जन्द का अर्थ है पुत्र |
240 | कुलपति मिश्र किसका दरबारी था ? | यह बिहारी का भांजा था, जिसने 52 से अधिक ग्रंथों की रचना की तथा बिहारी की ही भांति मिर्जा राजा जयसिंह का दरबारी कवि |
241 | ईसरलाट | जिसे सरगासूली भी कहते है, 1747 ई. के राजमहल युद्ध (टोंक) में माधोसिंह की संयुक्त सेना को हराने के उपलक्ष पर जयपुर के महाराजा ईश्वरीसिंह द्वारा निर्मित |
242 | हवामहल किसने बनवाया | 1799 ई. में सवाई प्रतापसिंह ने, जिसकी पाँच मंजिले है – 1 शरद मंदिर, 2 रत्न मंदिर, 3 विचित्र मंदिर, 4 प्रकाश मंदिर, 5 हवा मंदिर। हवामहल के 953 झरोखें व 353 खिड़कियाँ है। |
243 | जयपुर को गुलाबी रंग से किसने रंगवाया | सवाई रामसिंह द्वितीय ने (1835-1880 के दौरान) |
244 | सबसे बड़ा चाँदी का पात्र | जयपुर के सिटी पैलेस (चन्द्रमहल) में |
245 | सबसे बड़ी पगड़ी | बागोर की हवेली (उदयपुर) में |
246 | एक जैसे 9 महल | नाहरगढ़ दुर्ग (जयपुर) में, माधोसिंह ने अपनी 9 पासवानों के लिए बनवाए |
247 | सवाई जयसिंह का वास्तविक नाम | विजयसिंह |
248 | सिवाणा का युद्ध | 1307-08, अलाउद्दीन खिलजी ने शीतलदेव को हराकर सिवाणा दुर्ग का नाम खैराबाद रख दिया |
249 | जालौर का युद्ध | 1311-12, अलाउद्दीन खिलजी ने कान्हाडदे सोनगरा को हराकर जालौर का नाम जलालाबाद रख दिया। |
250 | खातौली का युद्ध | 1517 ई. में., बूंदी में राणा सांगा ने इब्राहीम लोदी को हराया। |
251 | गागरोन (झालावाड़) का युद्ध | 1519 ई. में, राणा सांगा ने महमूद खिलजी द्वितीय को हराया। |
252 | ‘राज विनोद’ के रचयिता | सदाशिव भट्ट, (16 वीं सदी के सामाजिक स्वरूप के बारे में) |
253 | ‘राज वल्लभ’ के रचयिता | मंडन मिश्र (15 वीं सदी की स्थापत्य कला के बारे में) |
254 | चंवरी कर कब व किसने | 1903 ई. में कन्या के विवाह पर वधू पक्ष पर बिजोलिया के ठाकुर कृष्णसिंह ने 5 रु का चंवरी कर लगाया। |
255 | ‘उपरमाल पंचबोर्ड’ का गठन | 1917 ई. में विजयसिंह पथिक ने, मन्ना पटेल इसके पहले सरपंच थे। |
256 | बेगू (चित्तोडगढ़) किसान आन्दोलन | 1921 ई. में रामनारायण चौधरी के नेतृत्व में प्रारंभ, मेनाल (भीलवाड़ा) नामक स्थान से |
257 | सर्वप्रथम कन्या वध पर प्रतिबंध | 1834 ई. कोटा में |
258 | सर्वप्रथम सती प्रथा पर प्रतिबंध | 1822 ई. में बूंदी में |
259 | सर्वप्रथम डांकन प्रथा पर प्रतिबंध | 1853 ई. उदयपुर में |
260 | सर्वप्रथम मानव व्यापर पर प्रतिबंध | 1847 ई. जयपुर में |
261 | बीकानेर प्रजामंडल की स्थापना | 1936 ई. में मघाराम वैध ने कलकत्ता में की |
262 | राजस्थान सेवा संघ की स्थापना | 1919 ई. में वर्धा (महाराष्ट्र) में, विजयसिंह पथिक, केसरी बारहठ व अर्जुन लाल सेठी ने। 1920 ई. में इसका मुख्यालय अजमेर में हो गया। |
263 | सवाई जयसिंह द्वारा निर्मित वैधशाला (जंतर-मंतर) | 5 जगह दिल्ली, जयपुर, मथुरा, काशी, उज्जैन |
264 | ‘दा साहब’ | अजमेर के हरिभाऊ उपाध्याय को |
265 | हिन्दी को ‘ईमान की भाषा’ | जमनालाल बजाज ने कहा |
266 | ‘वाट आर द इण्डियन स्टेट्स’ | विजयसिंह पथिक द्वारा रचित पुस्तक |
267 | पीप | जयनारायण व्यास द्वारा निकाला गया अंग्रेजी भाषा का समाचार पत्र |
268 | आगीबाण | जयनारायण व्यास द्वारा निकाला गया राजस्थानी भाषा का समाचार पत्र |
269 | चेतावनी रा चुंगट्या | केसरीसिंह बारहठ ने 13 सोरठे उदयपुर के राजा फतेहसिंह को 1903 में दिल्ली में लार्ड कर्जन द्वारा एडवर्ड-7 के सम्राट बनाने की ख़ुशी में आयोजित दिल्ली दरबार में जाने से रोकने हेतु लिखे। जिन्हें ‘चेतावनी रा चुंगट्या’ के नाम से जाना गया। |
270 | जैन वर्धमान विद्यालय | जयपुर में, अर्जुनलाल सेठी द्वारा स्थापित |
271 | पत्रकारिता के भीष्म पितामह | पं. झाबरमल शर्मा |
272 | 1 नवम्बर 1956 के पूर्व अजमेर के मुख्यमंत्री | हरिभाऊ उपाध्याय (दा साहब) |
273 | ब्यावर में सनातन धर्म स्कूल व वर्धा नवभारत विद्यालय की स्थापना | सेठ दामोदर दास राठी ने |
274 | तरुण राजस्थान का पूर्व नाम | नवीन राजस्थान, 1921, अजमेर से प्रकाशित |
275 | ‘जेंटलमैन एग्रीमेंट’ | 1942 ई. में जयपुर प्रजामंडल के अध्यक्ष हीरालाल शास्त्री व जयपुर के प्रधान सर मिर्जा इस्माइल के बीच हुआ समझौता |
276 | गुलाम नं. 4 | जमनालाल बजाज स्वयं को कहते थे। पहला गुलाम-भारतदेश, दूसरा गुलाम – देशी राजा, तीसरा गुलाम – सीकर राज्य |
277 | ‘प्रलय प्रतीक्षों नमो नम:’ | हीरालाल शास्त्री जी का प्रसिद्ध लोकगीत |
278 | अजमेर का राजस्थान में विलय | 1 नवम्बर 1956 को |
279 | प्रथम मुख्यमंत्री | हीरालाल शास्त्री (30 मार्च 1949 को) |
280 | प्रथम निर्वाचित मुख्यमंत्री | टीकाराम पालीवाल (3 मार्च 1952 को) |
281 | प्रथम राज्यपाल | गुरुमुख निहालसिंह (1 नवम्बर 1956 को) |
282 | प्रथम मुख्यन्यायाधीश | कमलकांत वर्मा (29 अगस्त 1949 को) |
283 | प्रथम विधानसभा अध्यक्ष | नरोत्तम लाल जोशी (31 मार्च 1952 को) |
284 | प्रथम विधानसभा उपाध्यक्ष | लालसिंह शक्तावत (31 मार्च 1952 को) |
285 | प्रथम मुख्य सचिव | के. राधाकृष्णन (13 अप्रैल 1949 को) |
286 | प्रथम पुलिस महानिदेशक | रघुनाथ सिंह (20 जनवरी 1983) इससे पहले राज्य स्तर पर पुलिस के मुखिया पुलिस महानिरीक्षक कहलाते थे। राजस्थान के प्रथम पुलिस महानिरीक्षक आर. बनर्जी (7 अप्रैल 1949) थे। |
287 | एकीकरण के सातों चरणों की तिथियाँ | प्रथम – 18 मार्च 1948 (मत्स्य संघ) द्वितीय – 25 मार्च 1948 (पूर्व राजस्थान) तृतीय – 18 अप्रैल 1948 (संयुक्त राजस्थान) चतुर्थ – 30 मार्च 1949 (वृहद राजस्थान) पंचम – 15 मई 1949 (संयुक्त वृहद राजस्थान) षष्ठम – 26 जनवरी 1950 (राजस्थान संघ) सप्तम – 1 नवम्बर 1956 (राजस्थान) |
288 | मत्स्य संघ व पूर्व राजस्थान के उद्घाटनकर्ता | N.V.गाडगिल, वृहद राजस्थान के उद्घाटनकर्ता सरदार वल्लभ भाई पटेल थे। |
289 | शांताबाई शिक्षा कुटीर | 1935 ई. में हीरालाल शास्त्री व उनकी पत्नी रतन शास्त्री द्वारा स्थापित, वर्तमान नाम – वनस्थली विद्यापीठ |
290 | आलमशाही सिक्के | महाराजा सालिमसिंह (प्रतापगढ़)द्वारा चलाये गये। |
291 | मत्स्य संघ नाम किसने दिया ? | के.एम. मुंशी ने |
292 | राज्य पुनर्गठन आयोग के अध्यक्ष | डॉ. फजल अली |
293 | राज्य पुनर्गठन आयोग के सचिव | वी.पी. मेनन |
294 | जलियाँवाला बाग हत्याकाण्ड के विरोध में किसने अपनी ‘राय बहादुर’ की उपाधि लौटा दी | जमनालाल बजाज ने |
295 | रियासते, ठिकाने, केन्द्रशासित प्रदेश | राजस्थान में, देश आजाद होने के पश्चात् 19 देशी रियासते, 3 ठिकाने/चीफशिफ़/खुदमुख्तियार (लावा (जयपुर), कुशलगढ़ (बाँसवाड़ा), नीमराणा (अलवर) तथा 1 केन्द्रशासित प्रदेश (अजमेर-मेरवाड़ा) था। |
296 | किस राजघराने ने प्रजामंडल को संरक्षण दिया | जयपुर ने |
297 | जैसलमेर प्रजामंडल | 1945 ई. में मीठालाल व्यास ने जोधपुर में स्थापना की। |
298 | मेवाड़ प्रजामंडल के प्रथम अधिवेशन का उद्घाटनकर्ता | 25-26 नवम्बर 1941 को आचार्य कृपलानी |
299 | राजस्थान का जलियाँवाला बाग़ हत्याकाण्ड | निमूचाणा काण्ड अलवर (14 मई 1925) |
300 | बेंगू के किसानों की जाँच के लिए गठित आयोग | ट्रेंच आयोग |