Most Repeat Rajasthan History GK SET NO 4
SET NO 4 राजस्थान इतिहास के 500 महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर Rajasthan History 500 Important Question and Answer आप कुछ नहीं करे बस इन्हें रट तो भी आपका सलेक्शन हो सकता हे। हम यहां आप को उन प्रश्नो का सेट प्रदान कर रहे हे जो बहुत सी बार राजस्थान की और अन्य प्रतियोगी परीक्षा वो में पूछे जा चुके हे। अतः आप इन्हे रट ले।
SET NO 4
301 | सम्प सभा | 1883 ई. में गोविन्द गुरु द्वारा स्थापित |
302 | भोमट भील आन्दोलन का अन्य नाम | एकी आन्दोलन, आदिवासियों के मसीहा मोतीलाल तेजावत के नेतृत्व में मातृकुण्डिया (चित्तोडगढ़) में 1921 में प्रारंभ |
303 | 15 अगस्त 1947 को किन रियासतों ने स्वतंत्र रहने की घोषणा की ? | डूंगरपुर, अलवर, भरतपुर, जोधपुर |
304 | संयुक्त राजस्थान की राजधानी | उदयपुर |
305 | वृहत राजस्थान के मुख्यमंत्री | हीरालाल शास्त्री |
306 | मत्स्य संघ का राज प्रमुख | उदयभान सिंह (धौलपुर) |
307 | मत्स्य संघ का प्रधानमंत्री | शोभाराम कुमावत |
308 | पूर्व राजस्थान की राजधानी | कोटा |
309 | धौलपुर व भरतपुर रियासतों को राजस्थान में मिलाने हेतु | शंकरराव देव की अध्यक्षता में समिति गठित हुई, ये दोनों रियासते उत्तरप्रदेश में मिलना चाहती थी। |
310 | 1 नवम्बर 1956 को मुख्यमंत्री कौन थे ? | मोहनलाल सुखाड़िया |
311 | राज्यपाल पद कब सृजित हुआ | 1 नवम्बर 1956 को |
312 | कोटा का वह क्षेत्र जिसे 1 नवम्बर 1956 को मध्यप्रदेश को दे दिया गया ? | सिरोंज |
313 | 26 जनवरी 1950 को राजस्थान राज्य को किस श्रेणी में रखा गया ? | ‘ख’ श्रेणी |
314 | वृहत राजस्थान के महाराज प्रमुख | महाराणा भूपालसिंह (उदयपुर) |
315 | बांकिदास किसका दरबारी कवि था ? | जोधपुर के राजा मानसिंह के, बांकिदास (मारवाड़ का बीरबल) ने ‘कृप दर्पण’ ग्रन्थ की रचना की। |
316 | डॉ. तेस्सितोरी ने ‘डिंगल भाषा का हैरोस’ किसे कहा ? | बीकानेर के प्रसिद्ध कवि पृथ्वीराज राठौड़ को |
317 | नाडोल/जूनाखेड़ा किस वंश से सम्बंधित है ? | चौहान वंश से, यहाँ चौहानों को कुल देवी आशापुरा माता का मंदिर भी है। |
318 | जैसलमेर का प्रथम साका | अलाउद्दीन खिलजी के आक्रमण के समय रावल मूलराज व कुंवर रतनसी शहीद |
319 | जैसलमेर का दूसरा साका | फिरोजशाह तुगलक के आक्रमण के समय रावल दूदा व त्रिलोक सी शहीद |
320 | जैसलमेर का तीसरा (अर्द्ध साका) | 1550 ई. में कांधार के अमीर अली पठान के धोखे से आक्रमण के समय लूनकर्ण शहीद, इस इस युद्ध में राजपूत शहीद हुए परन्तु राजपूतानियां जोहर नहीं कर सकी। इसलिये इसे अर्द्ध साका कहते है। |
321 | ‘बागीश्वरी’ | रमा बाई (राणा कुम्भा की पुत्री जो संगीतज्ञ थी) |
322 | रागमाला, रसिक प्रिया, गीत गोविन्द पर चित्र | मेवाड़ के अमर सिंह प्रथम के समय (1597-1620) |
323 | पन्नाधाय का पुत्र | चन्दन |
324 | जोधपुर की अजित सिंह की धाय | गोराधाय |
325 | नाथ प्रशस्ति | 971 ई. में एकलिंगजी के मंदिर (कैलाशपुरी, उदयपुर) के पास लकुलीश मंदिर से प्राप्त अभिलेख जिसमें बापा रावल व अन्य गुहिल शासकों की प्रशस्ति है। |
326 | किस प्रतिहार शासक की हत्या कर महमूद गजनवी ने 1019 में प्रतिहार राजवंश का समापन किया ? | मिहिरभोज |
327 | जैसलमेर के भाटियों की प्रथम, द्वितीय, तृतीय, चतुर्थ व पंचम राजधानी | प्रथम – भटनेर द्वितीय – तनोट तृतीय – देवरावल चतुर्थ – लोद्रवा पंचम – जैसलमेर |
328 | जोधपुर के जसवंतसिंह की मृत्यु कब व कहाँ हुई ? | 1678 ई. में जमरूद (अफगानिस्तान) में |
329 | चौगान (पोलो) खेलों का प्रथम संरक्षक | मिर्जा राजा जयसिंह |
330 | जवाहर कला केंद्र जयपुर के स्थापत्यकार | चार्ल्स कोरिया |
331 | ‘आजादी के दीवाने’ के रचयिता | सागरमल गोपा |
332 | किस सभ्यता में मछली पकड़ने के कांटे मिले है ? | गणेश्वर (सीकर) |
333 | गिलुण्ड सभ्यता स्थल | राजसमन्द में |
334 | जयपुर के वास्तुकार | बंगाली ब्राह्मण विद्याधर भट्टाचार्य |
335 | ईसवाल लौह्कलिन सभ्यता स्थल | उदयपुर (2003 में) |
336 | डडीकर प्राचीन शैलचित्र स्थल | अलवर |
337 | पांडवों ने अज्ञातवास | बैराठ (जयपुर) में |
338 | पहली बर्ड राइडर रॉक पेंटिंग | गरडदा (बूंदी) |
339 | ब्रिटिश काल में राजस्थान में प्रचलित सिक्के | कलदार |
340 | हनुमानगढ़ का प्राचीन नाम | भटनेर |
341 | धौलपुर का प्राचीन नाम | कोठी |
342 | जैसलमेर का प्राचीन नाम | मांडधरा/वल्लदेश |
343 | भीनमाल का प्राचीन नाम | श्रीमाल |
344 | ऋषभदेव (उदयपुर)का प्राचीन नाम | धुलेव |
345 | नाथद्वारा का प्राचीन नाम | सिन्हाड |
346 | बयाना का प्राचीन नाम | श्रीपंथ |
347 | झालरापाटन का प्राचीन नाम | बृजनगर |
348 | मंडोर का प्राचीन नाम | माण्डव्यपुर |
349 | श्री महावीर जी (करौली) का प्राचीन नाम | चन्दन |
350 | नागौर का प्राचीन नाम | अक्षत्रियपुर |
351 | बीकानेर का प्राचीन नाम | जांगल प्रदेश |
352 | जयसमन्द का प्राचीन नाम | ढेबर |
353 | उदयपुर का प्राचीन नाम | शिवि |
354 | हनुमानगढ़ व गंगानगर का भूभाग | यौद्धेय क्षेत्र |
355 | सिरोही का प्राचीन नाम | अर्बुद प्रदेश |
356 | करौली का प्राचीन नाम | गोपालपाल/विजयगढ़ |
357 | 1818 ई. में अंग्रेजी ने किस रियासत को खिराज से मुफ्त कर दिया | बीकानेर |
358 | खरीता | पत्र व्यवहार (एक महाराजा से दुसरे महाराजा के मध्य) |
359 | त्रिरत्न अभिलेख | बैराठ (जयपुर) से प्राप्त |
360 | 7 वीं सदी में हवेनसांग | भीनमाल (जालौर) में आया |
361 | राजस्थान में क्रांति हेतु आधार भूमि तैयार करने वाले | श्याम कृष्ण वर्मा |
362 | इतिहास, पुरातत्व एवं आध्यात्म की त्रिवेणी | किराडू (बाड़मेर) |
363 | अबुल फजल के भाई | फैजी (यह भी अकबर के दरबार में कवि था) परन्तु नवरत्न नहीं था) |
364 | दौराई का युद्ध | 14 मार्च 1659, अजमेर औरंगजेब ने दाराशिकों को हराया |
365 | मानपुर का युद्ध | 3 मार्च 1748 में जयपुर के महाराजा ईश्वरसिंह व अहमदशाह अब्दाली के मध्य |
366 | बिजोलिया के किसानों पर हुए अत्याचारों की जाँच हेतु गठित आयोग | अप्रैल 1919 में न्यायमूर्ति बिन्दुलाल भट्टचार्य की अध्यक्षता में गठित |
367 | शहीद कृपाजी व रुपाजी | बेंगू आन्दोलन में शहीद |
368 | सर्वप्रथम उत्तरदायी शासन की मांग उठाने वाले नेता | जमनालाल बजाज |
369 | ‘महेन्द्र कुमार’, ‘मदन पराजय’, ‘पश्र्वज्ञ पुस्तक’ के रचयिता | अर्जुनलाल सेठी |
370 | बोल्शेविक फैसला (1925) किस आन्दोलन की उपज था | बेंगू किसान आन्दोलन |
371 | ‘सर्वोदय की बुनियाद’ के रचयिता | हरिभाऊ उपाध्याय |
372 | माणिक्यलाल वर्मा का जन्म स्थान | बिजोलिया (भीलवाड़ा) |
373 | राजस्थान में देशी राज्य लोक परिषद् के नेता | जयनारायण व्यास |
374 | आधुनिक राजस्थान के निर्माता | मोहनलाल सुखाड़िया |
375 | ‘राजसिंह चरित’ एवं ‘रूठी रानी’ के रचनाकार | केसरीसिंह बारहठ |
376 | मद्य निषेध हेतु प्रयास | 1972-81 के दौरान गोकुल भाई भट्ट ने |
377 | माणिक्यलाल वर्मा की पत्नी | नारायणी देवी |
378 | राजस्थान में राजनैतिक चेतना को सर्वप्रथम जन्म देने वाला | अर्जुन लाल सेठी |
379 | गाँधी आश्रम | हटुंडी (अजमेर) में हरिभाऊ उपाध्याय द्वारा स्थापित |
380 | प्रथम परमवीर चक्र विजेता राजस्थानी | हवलदार मेजर पिरुसिंह (1948 ई. झुंझुनू निवासी) |
381 | द्वितीय परमवीर चक्र विजेता राजस्थानी | मेजर शैतान सिंह (1962) जोधपुर निवासी। अब तक 2 राजस्थानियों को परमवीर चक्र मिल चूका है |
382 | बीकानेर का काला कानून | 1932 ई. का सार्वजनिक सुरक्षा कानून |
383 | केन्द्रीय काराग्रह में भूख हड़ताल के दौरान दम तोड़ने वाले | बालमुकुन्द बिस्सा (जोधपुर) |
384 | ‘शेर-ए-भरतपुर’ | गोकुल जी वर्मा |
385 | तात्या टोपे को राजस्थान में हराने वाले | जनरल रोबर्ट्स कर्नल होम्स, कप्तान शॉवर्स |
386 | 1947 से पूर्व पानी पर लगने वाले टेक्स | आबियाना |
387 | मारवाड़ हितकारिणी सभा | 1918 ई. जोधपुर में चांदमल सुराणा द्वारा स्थापित |
388 | वागड़ सेवा मंदिर | 1917 ई. डूंगरपुर में, भोगीलाल पंड्या द्वारा स्थापित |
389 | चरखा संघ | 1927 ई., जयपुर में जमनालाल बजाज द्वारा स्थापित |
390 | सर्वहित पत्रिका | 1879 ई. बूंदी से प्रकाशित |
391 | प्रत्यक्ष जीवन शास्त्र के रचयिता | पं. हीरालाल शास्त्री |
392 | प्रथम पद्म श्री | 1955 ई. में श्रीमती रतन शास्त्री (हीरालाल शास्त्री की पत्नी) |
393 | प्रथम पद्म भूषण | कंवरसेन (1956 ई. में) |
394 | प्रथम पद्म विभूषण | श्रीमती जानकी देवी बजाज (1956) जमनालाल बजाज की पत्नी जिन्हें भूदान-कूपदान में विशिष्ट योगदान के लिए नोट – पद्म विभूषण प्राप्त करने वाले प्रथम राजस्थानी पुरुष श्री घनश्यामदास बिड़ला (1961 ई.) है। जिन्हें भारतीय उद्योग जगत का पितामह कहा जाता है। |
395 | प्रथम अशोक चक्र विजेता | हवलदार शम्भू दयाल सिंह, नागौर (1948) |
396 | प्रथम वीर चक्र विजेता | स्क्वाड्रन लीडर अजय आहूजा, कोटा 1999 |
397 | प्रथम महिला पायलट | नम्रता भट्ट |
398 | प्रथम महिला फ्लाइंग ऑफिसर | निवेदिता |
399 | राजस्थान की राधा | मीरा बाई |
400 | वागड़ की मीरा | गवरी बाई |